मैथिली गीत सुरेश पंकज

कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते

कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते लीरिक्स कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते,कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते,एखन धरि जिबै छी पिबैते पिबैते,कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते,कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैतेएखन धरि जिबै छी पिबैते पिबैते,कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते,कोहबर घर गेलौं पिबैते पिबैते….. विवाहो सँऽ पहिने रही भोला-भाला,विवाहो सँऽ पहिने रही भोला-भाला,दहेजक रूपैया खोललक शीशी ताल,दहेजक रूपैया […]

मैथिली गीत सुरेश पंकज

खो रे मंगला पड़ल रह

खो रे मंगला पड़ल रह लीरिक्स माटी नै लागे तन में देखिहैं, सोना सनक जुआनी,बात सगुन के चलि रहल छौ, छटा के रखिहैं कानी,बाबा हाथ में होरक लागन, तू तकिया लै अड़ल रह,खो रे मंगला पड़ल रह, खो मंगला पड़ल रह,खो रे मंगला पड़ल रह, खो मंगला पड़ल रह,माटी नै लागे तन में देखिहैं, सोना […]

मैथिली गीत सुरेश पंकज

आब कहू मन केहेन करैये

आब कहू मन केहेन करैये लिरिक्स धनि दरभंगा दोहरी अंगा, कियैक नाच नचै छी नंगा,धनि दरभंगा दोहरी अंगा, कियैक नाच नचै छी नंगा,टुकुर टुकुर सब लोक तकैये,आब कहू मन केहेन करैये, आब कहू मन केहेन करैये,आब कहू मन केहेन करैये, आब कहू मन केहेन करैये,धनि दरभंगा दोहरी अंगा, कियैक नाच नचै छी नंगा,टुकुर टुकुर सब […]