मैथिली गीत विद्यापति गीत

विद्यापति गीत लिरिक्स

कुसुमित कानन कुंज बसी रे कुसुमित कानन कुंज बसी रे,नयनक काजर घोर मसी रे,कुसुमित कानन कुंज बसी रे,नयनक काजर घोर मसी रे,कुसुमित कानन……… नख सँऽ लिखलैन्हि नलि निक पाट,नख सँऽ लिखलैन्हि नलि निक पाट,लिखिय पठाओल…..लिखिय पठाओल, आखर सार,कुसुमित कानन कुंज बसी रे,नयनक काजर घोर मसी रे,कुसुमित कानन……… प्रथमहि लिखलैन्हि, पहिल वसंतऽ,प्रथमहि लिखलैन्हि, पहिल वसंतऽ,दोसरहि लिखलैन्हि…..दोसरहि […]