मूड़न गीत मैथिली पारंपरिक गीत

मूड़न गीत (सम्पूर्ण विधि गीत)

गोसाउनि नोतक गीत :-

बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब गोसाउनि जे नित पूजि थिकि हे,

बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब पितर लोक जे निज आशिष देथि हे,

बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब कुटुम्ब लोक जाहि सँऽ सोहावन लागू हे,

बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब अयहब लोक जाहि सँऽ मंगल हैत हे।।

पितर नोतक गीत :-

जल फूल लय नोतब घरक गोसाउनि हे,
हर्षित हेती भवानी बरूआ के आशिष देती हे,

स्वर्गहि नोत पठायब कि पितर आनन्द हेता हे,
स्वर्ग सँऽ औताह पितर कि बरूआ के आशिष देता हे,

स्वर्ग सँऽ औती दादी कि बरुआ के आशीष देती हे,
जीबह-जीबह हे फल्लाँ बरुआ लाख बरीख हे।।

तेल कसायक गीत :-

(1)

कौने बाबा हरबा जोताओल, मेथिया उपजाओल हे,
कौने दादी पीसय कसाय, जे कि बरुआ ओंगारल हे,

फल्लाँ बाबा हरबा जोताओल, कि सरसो उपजाओल हे,
फल्लाँ दादी तेल पेरौलीह, कि बरुआ ओंगारथि हे,

(2)

रानी जे चलली शयनगृह राजासँऽ बिचारल हे,
राजा, बालक अति सुकुमार करब जग मूड़न हे,

हाथी पीठ हओदा कसाओल घोड़ा पीठ जिन कसू हे,
चलि भेल मोरंग देश जहाँ बसु पण्डित हे,

हकरल दकरल पण्डित पोथी लय आयल हे,
गुनि दियऽ दिन सुदिन करब जग मूड़न हे,

कहमा लपटी बढ़ाओल कहमा मुड़ाओल हे,
कहमा भय गेल ठाढ़ ओ शुभ शुभ भाखल हे,

गंगहि लपटी बढ़ाओल प्रयाग मुड़ाओल हे,
काशी में भय गेल ठाढ़ कि शुभ शुभ भाखल हे।।

(3)

कोन बाबा दिनमा गुनाय जग ठानल हे,
कोने दादी पड़िछथि केश कि होड़िला के मूड़न हे,।

लाल-पीयर चीर पहिरब केश परीछब हे,
बाँस पुरैन लेल खोंइछ कि होड़िलाक मूड़न हे,

देबौ हजमा बड़ इनाम कि होड़िलाक मूड़न हे,
शुभ-शुभ काट हजमा केश कि होड़िलाक मूड़न हे।।

(4)

काँचहि बाँस के मलिया हे,
आकि ताहि मलिया तेल फूलेल,

कौने दादी लगेतीह तेल फुलैल,
आकि कौने दादी लगेती उबटन हे,

आकि फल्लाँ दादी लगोती तेल फुलैल,
आकि फल्लाँ दादी लगोती उबटन।।

केश काटय कालक गीत :-

(1)

कोने बाबा छुड़िया गढाओल बेंट मढ़ाओल हे,
कोने अम्मा लेल जन्मकेश कि शुभ-शुभ होयत हे,

अपने बाबा छुड़िया गढाओल बेंट मढ़ाओल हे,
अपने अम्मा लेल जन्मकेश कि शुभ-शुभ होयत हे।।

(2)

लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश,
लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश,

कथी पोसल बौआ कथी के पोसल केश,
कथी पोसल बौआ कथी के पोसल केश,
लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश,

दूध पोसल बौआ तेले पोसल केश,
दूध पोसल बौआ तेले पोसल केश,
लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश,

के देलखिन छुरबा के लेलखिन केश,
के देलखिन छुरबा के लेलखिन केश,
लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश,

बाबा देलखिन छुरबा दादी लेलखिन केश,
बाबा देलखिन छुरबा दादी लेलखिन केश,
लट गेंदवा बबुआ के घुरमल-घुरमल केश।।

हजमा के गीत :-

हजमा रे धीरे-धीरे कटिहैं बौआ के केश,
कि बौआ बड़ दुलारू छै रे,

बौआ के मामी हजमा तोरे देबौ रे,
हजमा रे धीरे-धीरे कटिहैं बौआ के केश,
कि बौआ बड़ दुलारू छै रे,

बौआ के मामी भार पठौलखिन,
बौआ के मामी भार पठौलखिन,
ठकुआ तोरे देबौ रे, केरा तोरे देबौ रे,
हजमा रे धीरे-धीरे कटिहैं बौआ के केश,
कि बौआ बड़ दुलारू छै रे,

बौआ के नाना धोती पठेलखिन,
धोती तोरे देबौ रे, पियर मेध रंगि कऽ देबौ रे,
हजमा रे धीरे-धीरे कटिहैं बौआ के केश,
कि बौआ बड़ दुलारू छै रे।।

स्नान कालक गीत :-

कोने बाबा पोखरि खुनाओल,
कि घाट बनाओल हे,
कोने बाबा भरथि जुड़ी पानि,
कि बरुआ नहाबथि हे,

फल्लाँ बाबा पोखरि खुनाओल,
कि घाट बनाओल हे,
फल्लँ बाबा भरू जुड़ी पानि,
कि बरुआ नहायब हे,

चुमाओन गीत :-

छोटे बड़े ललन के चुमाबहु हे,
छोटे से रामचन्द्र छोटे भैया लछुमन,
छोटे ललन के चुमाबहु हे,
छोटे बड़े ललन के चुमाबहु हे,

स्वर्ण कलश लय पुरहर साजल,
मानिक दियरा जराबहु हे,
छोटे बड़े ललन के चुमाबहु हे,

काँचहि बाँस केर डलबा बुनाओल,
केरा ओ नारियल धराबहु हे,
छोटे बड़े ललन के चुमाबहु हे,

चुमबय बैसलीह मातु कौशिल्या,
सखि सब मंगल गाबहु हे,
छोटे बड़े ललन के चुमाबहु हे।।

भगवती के विनती :-

अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता,
अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता,

लाले मंदिरवा के लाले केबरिया,
लाले ध्वजा फहराय हे जगतारिणि माता,
अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता,

लाले चुनरिया के किनरिया,
लाले सिन्दूर कपार हे जगतारिणि माता,
अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता,

राखि लियौ मुखलाली हमरो,
हम लेब अँचरा पसारि हे जगतारिणी माता,
अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता,
अयलहुँ शरण तोहर हे जगतारिणि माता ।।

ब्रह्मा के गीत :-

(1)

बटिया तकैत ब्राह्मण छतिया बिहुँसि गेल,
नयना सँऽ झहरय नोर,

कथि बिनु आहे ब्राह्मण मुहमा मलिन भेल,
कथि बिनु शक्तिक हीन,

पान बिनु आहे सेवक मुहमा मलिन भेल,
जनउ बिनु शक्तिक हीन,

ढोली एक पान देब जोड़ा जनउ देब,
सदाय रहब भेल दहिन।।

(2)

आउ-आउ ब्राह्मण अँगना हमार यौ,

चौपाड़ि सून लगै आहाँ बिनु हमार यौ,
केए अभागल पिड़िया निपय यौ,

केए अभागल करय पुकार यौ,
सेवक अभागल पिड़िया निपय,

भगत अहागल करय पुकार यौ,
आउ-आउ ब्राह्मण अंगना हमार यौ।।

साँझ के गीत :-

(1)

साँझ दिय यसुमति मइया हे साँझ बीतल जाइये,
जेता कन्हैया खिसिआय हे साँझ बीतल जाइये,
कथी केर दीप कथी केर बाती हे साँझ बीतल जाइये,
सोना केर दीप पाट सुत बाती हे साँझ बीतल जाइये,
सरसो तेल जरय सारी राती हे साँझ बीतल जाइये,
जरय लागल दीप चमकि गेल बाती,
खेलय लगली सँझा मइया हे साँझ बीतल जाइये।।

(2)

साँझ परीय गेल फूल फूलिय गेल भमरा माँगय बसेरा,
मलिनियाँ लोढ़ि लाबै फूलक दोना,
एक तऽ मलिनियाँ मृगमदे मातल,
दोसर लोढ़य फूल दोना,
फूल लोढ़ि-लोढ़ि हार जे गूँथल,
लय पहिराओल दुलरुआ,
सूरदास प्रभू तुम्हरे दरस को,
युग-युग जिअओ दुलरुआ।।

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